ऋषि तिवारी
नोएडा। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) की अदालत में अपने खिलाफ हुई शांति भंग की कार्रवाई में केस की तारीख बढ़ाने के लिए तैनात कोर्ट मुंंशी को एक युवक ने दो हजार की रिश्वत दी और उसका गुपचुप तरीके से विडियो बना कर वायरल कर दिया। विडियो वायरल होते ही पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने अपनी भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति पर अमल करते हुए नोएडा जोन के डीसीपी को कार्रवाई के आदेश दिए। जिसके बाद कोर्ट मुंंशी राहुल राणा व रिश्वत देने वाले युवक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
एडीसीपी मनीष मिश्रा ने बताया कि नोएडा में एक वीडियो एसीपी कोर्ट का वायरल हुआ। जिसमें वहां तैनात कोर्ट मुंंशी केस की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए 2000 रुपए की रिश्वत लेता दिखाई दे रहा है। जिसे टेबल के नीचे गिन रहा है। पूछ भी रहा है कितने रुपए है। इस वायरल विडियो की जांच की गई तो पता चला कि सेक्टर-6 स्थित एसीपी कोर्ट की यह विडियो है। विडियो में दिखाई दे रहा कोर्ट मुंंशी राहुल राणा है। । इसके बाद पुलिस ने इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की और जांच में पता चला कि जून माह में खोड़ा कालोनी गाजियाबाद निवासी विक्की के खिलाफ 107/16 की कार्रवाई हुई थी।
केस की अगली तारीख पर आया तो उसने केस खत्म करने या तारीख लंबी देने की गुजारिश के साथ साथ दो हजार की रिश्वत कोर्ट मुंंंशी को दी। जिसका विडियो उसने बनाया। विडियो में कोर्ट मुंंशी पैसे लेते हुए और गिनते हुए और पूछते हुए दिखाई दे रहे है। जिसके आधार पर रिश्वत लेने और देने के आरोप में कोर्ट मुंशी और विक्की के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा के तहत केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा सिपाही यानि कोर्ट मुंशी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए है। आपको बता दें कि इससे पहले भी भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस कर्मियों के खिलाफ पुलिस कमिश्नरेट के गठन के बाद से लगतार एक्शन लिया जा रहा है। भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत पुलिस कर्मियों के खिलाफ चौथा मामला है।