Reed Research Institute : किसानों की मिट्टी से अवतरित विवि एवं वैज्ञानिक : कुलपति

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रेणु कुमारी संवाददाता


समस्तीपुर। डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित ईख अनुसंधान संस्थान के तत्वावधान में प्रक्षेत्र दिवस समारोह हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय एवं वैज्ञानिक किसानों की मिट्टी से ही अवतरित हुए है। इसको संयोजने में हमें जो मसक्कत करना होगा उसे पूरा करके ही दम लेने प्रयास कर रहा हूँ। विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान का पवित्र स्थल है गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में एसआरआई का गौरवशाली इतिहास रहा है।

शुगर केन संस्थान को विश्व स्तर पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। वैज्ञानिकों को समस्याओं का समाधान निकालने की जरूरत है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवाइस आ गया है। जिसमें एक बूंद गन्ने की रस को रखकर उस में पाए जाने वाले सभी तत्व की पता आसानी से लगा लिया जाता है। हमारे विश्वविद्यालय में भी एक इसी तरह का तकनीकी डिवाइस निर्माण करने की जरूरत है। जिससे गन्ने की पौधा में लगाकर उस में पाए जाने वाले सभी तत्वों की पता आसानी से लगा लिया जाए। किसानों के लाभ के लिए ही विश्वविद्यालय एवं वैज्ञानिक क्रियाशील है खाद्य सुरक्षा में भी गन्ने के राहुल पर कार्य करने की प्रयास किया जा रहा है।

प्राकृतिक खेती से फसलों में लगने वाले लागत को कम किया जा सकता है। मधुमेह रोग में गन्ने की रस कितना हद तक सफल है इस पर भी अनुसंधान करने की जरूरत है गन्ने के खेत में जाने वाले किसानों के लिए शरीर पर पहनने के लिए एक वस्त्र का निर्माण भी विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के अधीन निर्माण कराने पर विचार किया जा रहा है। बहुत ही जल्द विश्वविद्यालय अपनी उपलब्धियों को डेटाबेस बनाकर किसानों के खेत से जुड़ कर लाइव टेलीकास्ट करने की योजना में है। जिससे घर बैठे किसान भी शत प्रतिशत लाभ उठा पाएंगे। स्वागत भाषण संस्थान के निदेशक डॉ अनिल कुमार सिंह ने किया।

वैज्ञानिक डीएन कामत ने प्रक्षेत्र दिवस का विषय प्रवेश कराया। अधिष्ठाता डॉ सोमनाथ राय चौधरी, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ एमएस कुंडू ने भी मौजूद किसानों को संबोधित किया। वही किसान निसार अहमद, लक्ष्मी नाथ झा ने भी अपना विचार साझा किया। एडवाइजर शंभू प्रसाद राय ने कहा विश्वविद्यालय का मुख्य प्रचारक के रूप में बिहार के चीनी मिलें कार्य कर रही है। मशरूम वैज्ञानिक डॉ दयाराम ने कहा गन्ने के साथ अंतरवर्ती फसल लगाकर किसान बेहतर आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

संचालन वैज्ञानिक डॉ सुनीता कुमारी मीणा ने की वहीं धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डॉ बलवंत कुमार ने की। मौके पर वरीय सुरक्षा पदाधिकारी टीएन सिंह, ओएसडी डॉ अनिल कुमार सिंह, अधिष्ठाता टीसीए ढोली डॉ पीपी सिंह, डॉ सतीश कुमार सिंह, डॉ नीलांजय, डॉ महेश, डॉ नवनीत कुमार, संपदा पदाधिकारी डॉ सीके झा, डॉ संजीव कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे।

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