ब्रह्माकुमारीज़ नोएडा द्वारा ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ का व्यापक आयोजन

ऋषि तिवारी
नोएडा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेक्टर 46 स्थित सेवा केंद्र ने भारत सरकार के ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत समाज को हर प्रकार के नशे (ड्रग्स, तंबाकू, शराब और डिजिटल-मोबाइल) से मुक्त करने के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया। ब्रह्माकुमारी, बीके कीर्ति, बीके वर्णिका और बीके रेनू की टीम ने नोएडा के विभिन्न कॉलेजों और नशामुक्ति केंद्रों में जाकर प्रभावी वार्ताएं और सत्र आयोजित किए।
अभियान का लक्ष्य और पृष्ठभूमि
यह अभियान उस गंभीर सामाजिक समस्या को संबोधित करता है जहाँ भारत में हर साल शराब के उपयोग से 2.6 मिलियन और तंबाकू के कारण प्रत्येक 4 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत होती है। ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत 2020 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा की गई थी। मार्च 2023 में ब्रह्माकुमारीज़ और मंत्रालय के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) हुआ, जिसके तहत ब्रह्माकुमारीज़ को इस अभियान के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी दी गई। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं, महिलाओं और विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।
कॉलेजों और नशामुक्ति केंद्रों में जागरूकता सत्र
ब्रह्माकुमारीज़ की टीम ने नवजीवन इंटर कॉलेज, भंगेल और आर.एस.एस. इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर 46 जैसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों में छात्रों और शिक्षकों के साथ interactive सत्र आयोजित किए। इन सत्रों में नशे की लत के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की गई। ब्रह्माकुमारीज़ की टीम ने एक प्रचार रथ और ऑडियो-विजुअल प्रस्तुतीकरण के माध्यम से छात्रों के साथ गहन बातचीत की। इंटरैक्टिव सत्र में बताया गया कि कैसे ड्रग्स, तंबाकू और शराब के साथ-साथ मोबाइल तथा इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग भी एक गंभीर लत बन सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसके अतिरिक्त, नोएडा के विभिन्न नशामुक्ति केंद्रों में भी सत्र आयोजित किए गए, जहाँ नशा छोड़ने की प्रक्रिया से गुजर रहे व्यक्तियों को मानसिक और आध्यात्मिक संबल प्रदान किया गया।
राजयोग मेडिटेशन: आत्म-शक्ति का स्रोत
अभियान के दौरान, राजयोग मेडिटेशन के महत्व पर विशेष जोर दिया गया। यह बताया गया कि राजयोग कैसे व्यक्ति की निर्णय लेने की शक्ति और विवेक को सशक्त करता है। वक्ताओं ने समझाया कि राजयोग के नियमित अभ्यास से सकारात्मक और आवश्यक विचारों का विकास होता है, जिससे नकारात्मक और व्यर्थ विचार प्रक्रियाएं दूर होती हैं। ब्रह्माकुमारीज़ का अनुभव रहा है कि राजयोग जीवन पद्धति द्वारा नशा मुक्त होने वाले लोगों में से 97% हमेशा के लिए व्यसनमुक्त हो गए हैं। यह दर्शाता है कि राजयोग न केवल आत्म-नियंत्रण विकसित करता है, बल्कि व्यक्ति को नशे की लत से स्थायी रूप से बाहर निकलने में भी मदद करता है।
एक जन आंदोलन का आह्वान
यह अभियान ब्रह्माकुमारीज़ के ‘नशा मुक्त भारत’ के व्यापक विजन का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाना और उन्हें व्यसन मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। नशा मुक्ति अभियान के तहत संस्था ने देशभर में जागरूकता रैलियाँ, सेमिनार, कार्यशालाएँ और प्रचार रथ के माध्यम से जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इन कार्यक्रमों में लोगों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई जाती है और राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से मानसिक शक्ति बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाता है, जिससे व्यक्ति आत्म-नियंत्रण विकसित कर सके।
ब्रह्माकुमारीज़ नोएडा केंद्र की प्रभारी बीके कीर्ति ने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जहाँ हर व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को पहचाने और नशे के चंगुल से मुक्त होकर एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सके। यह अभियान भारत को नशा मुक्त और सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।” कॉलेज के प्राचार्यों, शिक्षकों और नशामुक्ति केंद्रों के प्रबंधन ने ब्रह्माकुमारीज़ के इस निस्वार्थ कार्य की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। यह अभियान समाज में एक नई चेतना और स्वस्थ जीवनशैली का संदेश दे रहा है।