घामड़ोज बाँध को बचाने की मुहिम कामयाब, कोर्ट दिया आदेश

NGT

64 Views

सुरेन्द्र दुआ संवाददाता ( हरियाणा)


नूंह। एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) में घामड़ोज बाँध को बचाने की मुहीम में ग्राम हाजीपुर(सोहना) निवासी युवा समाज सेवी प्रेम मोहन गौड़ ने बड़ी कामयाबी हांसिल की है कर ली है। बता दें कि, अक्टूबर 2020 में, एनजीटी की एनएचएआई को बाँध के सन्दर्भ में कानून की पालना में कार्य करने की हिदायत के बावजूद बाँध पर हो रहे निर्माण से व्यथित प्रेम मोहन ने मार्च 2022 में न्यायालय में अपील की थी।

जिसका संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने बाँध पर किसी भी प्रकार की अपरिवर्तनीय स्तिथि न होने देने का मार्च में आदेश जारी करते हुए एनएचएआई, वन विभाग व पर्यावरण मंत्रालय से जवाब तलब किये थे। पर्यावरण विभाग ने अपनी जाँच में पाया की एनएचएआई ने वन भूमि पर रोड बनाने के लिए अनुमति मांगी थी और टोल प्लाजा व रेस्ट एरिया के लिए किसी भी प्रकार की कोई भी अनुमति नहीं दी गई थी। जिसकी अनुपालना करते हुए वन विभाग, हरियाणा सरकार ने मार्च में निरीक्षण करते हुए पाया की घामड़ोज बाँध के वन क्षेत्र में टोल प्लाजा का कुछ क्षेत्र व रेस्ट एरिया का कुछ भाग बनाया गया है।

इसे कानून का उल्लंघन मानते हुए वन विभाग ने घामड़ोज बाँध को उसकी पुरानी स्तिथि में बहाल कर वापस लौटाने के आदेश दिए। एनएचएआई ने जिसे गलत ठहराया व अप्रैल में टोल प्लाजा को प्रचालित करदिया। सबूतों के साथ, वन विभाग ने जुलाई में फिरसे बाँध को बहाल करने के आदेश जारी किये परन्तु एनएचएआई के न्यायालय से फैंसला आने तक यथास्तिथि बने रहने के अनुग्रह को मानते हुए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। हालांकि, एनजीटी में अपना जवाब प्रस्तुत करते हुए वन विभाग ने यह माना की एनएचआई ने घामड़ोज बाँध की वन भूमि में रेस्ट एरिया और टोल प्लाजा का निर्माण करलिया है।

न्यायालय ने सुनवाई करने के पश्च्यात यह निर्णय दिया की रोड बनाने की अनुमति को बाँध को क्षति पहुंचाने की अनुमति नहीं माना जा सकता। इसलिए, उक्त बाँध की एनएचएआई द्वारा आगे उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी व बांध क्षेत्र में पानी की निकासी, नदी के प्रवाह और भूजल के पुनर्भरण को सक्षम करने के लिए इसे सुरक्षित और संरक्षित किया जाये । न्यायालय ने यह भी कहा की आवश्यक प्रतिरोधी क्षेत्र के साथ उक्त बाँध को उचित रूप से सीमांकित किया जाये। आदेश की अनुपालना के लिए कमिटी गठित करते हुए एनजीटी ने अपर मुख्य सचिव सिंचाई विभाग, डीएफओ गुरुग्राम, जिला अधिकारी, एक्सीएन सिंचाई विभाग, एसएसपी गुरुग्राम व हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गुरुग्राम (दक्षिण) को एक माह का समय दिया है।

जहाँ न्यायालय के पर्यावरण को महत्त्व देने वाले इस फैंसले से स्थानीय लोगों में ख़ुशी की लहर है वही जनता-विरोधित टोल प्लाजा व रेस्ट एरिया का भविष्य अधर में लटक गया है। प्रेम मोहन गौड़ का यह कहना है की न्यायालय के इस फैंसले से विलुप्त हो रहे बाँधों के प्रति लोग जागरूक होंगे और पर्यावरण संरक्षण में आगे आएंगे। घामड़ोज बाँध के संरक्षण से प्रतिवर्ष बढ़ रहे भूजल संकट के साथ-साथ बरसात के दिनों में आने वाले बाढ़ संकट से भी निजात मिलेगी।

About Author

Contact to us