अभिजीत पाण्डेय
पटना। बिहार पुलिस की टीम अब इस मामले गिरफ्तार हुए सभी 13 आरोपियों के नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है। नीट पेपरलीक केस में बिहार पुलिस के हाथ कई ऐसे सुराग हाथ लगे, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि गड़बड़ी की शुरुआत झारखंड के हजारीबाग से हुई। यहां से पेपरलीक हुआ और पटना में माफिया के पास आया। अब बिहार पुलिस सभी 13 आरोपियों की नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है।
बिहार पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच टीम 13 आरोपियों की नार्को एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने की मांग शिक्षा मंत्रालय से करेगा। इतना ही नहीं जिस फ्लैट से नीट का जला हुआ पेपर मिला था, वह पेपर भी पुलिस ने एनटीए को सौंप दिया था। अब इस जले हुए पेपर का मिलान करने के लिए मूल पेपर जांच टीम को दे दिया है।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गिरफ्तार कुछ आरोपी पूछताछ के दौरान परस्पर विरोधी बयान दे रहे हैं या अपने बयान बदल रहे हैं। ईओयू मामले में कुछ गिरफ्तार आरोपियों पर ‘‘नार्को विश्लेषण’’ और ‘‘ब्रेन मैपिंग’’ परीक्षण करने की संभावना भी तलाश रहा है। सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ता कुछ आरोपियों के बयानों से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि उनसे कई बार पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन उनके जवाब ठोस नहीं हैं।
ईओयू ने पिछले महीने नीट-यूजी 2024 में कथित पेपर लीक की जांच के तहत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपियों में दानापुर नगर परिषद के एक जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु, उसके रिश्तेदार अमित आनंद, नीतीश कुमार और अभ्यर्थी एवं उनके माता-पिता तथा अन्य शामिल थे। पुलिस के सामने चार आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र मिला था और उन्होंने इसका इस्तेमाल उत्तर याद करने के लिए किया था। पुलिस को यह बताया है कि अगले दिन परीक्षा में सटीक (वही) प्रश्न पूछे गए थे।