सुरेन्द्र दुआ संवाददाता
नूंह। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिला के मंदिरों में विशेष सजावट के अलावा रंग भी रंगी आलौकिक लाईटों से भी सजावट की जा रही है। बृज चौरासी कोस परिक्रमा में पडऩे वाले जिला में पर्व को हिन्दु व मुस्लिम मिलकर खुशियां बांटकर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम किए हुए हैं। मंदिरों में रासलीला व धार्मिक संगीत टोलियां द्वारा रोजाना भजनामृत से भक्तिरस बिखेरा जा रहा है।
उधर दूसरी तरफ, श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की तिथि को लेकर जिला में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिला में सरकारी अवकाश गुरूवार को होने से कई जगहों पर गुरूवार को पर्व मनाया जा रहा है,जबकि मथुरा, वृंदावन समेत कई जगहों पर शुक्रवार को यह पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश शास्त्री ने जानकारी दी कि भाद्रपद (भादो) मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के सात मुहूर्त निकल जाने के बाद आठवें मुहूर्त में हुआ था।
उस समय आधी रात थी। अगर आठवें मुहूर्त की बात करें तो वह 19 अगस्त को रहेगा और आधी रात की बात करें तो वह 18 अगस्त को होगी।पंचांग के अनुसार, 18 अगस्त को सप्तमी तिथि रात 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगी और उसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। जो कि अगले दिन यानी 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष के अनुसार 19 अगस्त को उदया तिथि होने के कारण जन्माष्टमी का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
वहीं, तावडू में चल रही श्री भागवद कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने नाचते गाते हुए भगवान श्री कृष्ण के आगमन की खुशी मनाई और प्रसाद भी बांटा गया। परम श्रद्धेय आराध्य ज्योति शिखा दीदी ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर प्रकाश डालते हुए कहा भगवान श्री कृष्ण के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए हमें कम से कम एक घड़ी उनका नाम अवश्य जपना चाहिए जिससे हमें मुक्ति की प्राप्ति हो सके।
उन्होंने कहा भगवान कृष्ण ने पूरी ब्रज वासियों को अहंकारी कंस के अत्याचारों से बचाया और उसका वध किया। इस मौके पर भक्त बलबीर जैन, भावेश गर्ग ,पवन गुप्ता, राकेश सेन, राजेंद्र, बब्बू, गौरव, संजय सेन, अनीता रानी, सरोज देवी,भूषण मंगला, रीना मंगला, रवि वर्मा, नीतू वर्मा, शशिकांत मंगला, मनता मंगला, राजू गर्ग, मधु गर्ग आदि ने झूम-झूम कर जन्म उत्सव मनाया।