श्री राम कथा में विश्वामित्र यज्ञ रक्षा एवं अहिल्या उद्धार की मार्मिक कथा ‌का हुआ वर्णन

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ऋषि तिवारी


नोएडा सेक्टर 93 सुपर एमआईजी सनातन धर्म मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा के चौथे दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी पंचमानंद महाराज ने भगवान राम की बाल लीलाओं , विश्वामित्र यज्ञ रक्षा, अहिल्या उद्धार आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। विश्वामित्र जी वन में यज्ञ करते हैं लेकिन राक्षस उनके यज्ञ में बाधा डालकर उसको पूर्ण नहीं होने देते हैं । विश्वामित्र जी ध्यानस्थ होकर देखते है तो उन्हें पता चलता है कि दशरथ पुत्र राम स्वयं विष्णु अवतार हैं और उनके बिना राक्षसों का संघार नहीं हो सकता है। दशरथ जी से राम ,लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए मांगते है। भगवान राम रास्ते में तड़का जैसी भयंकर राक्षसी का वध कर देते हैं साथ ही अन्य राक्षसों का वध कर यज्ञ को पूर्ण करवाते हैं। मुनि विश्वामित्र के साथ जाते समय रास्ते में गौतम ऋषि के श्रापवश पाषाण शिला बनी अहिल्या का अपनी चरण रज से उद्धार करते हैं। इसके बाद जनकपुर में विश्वामित्र जी के साथ आगमन होता है

10 जून को धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद, राम जानकी विवाह आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन कथा व्यास द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर राजवीर सिंह, एल एस तिवारी, राजेश कुमार गुप्ता, वीरेंद्र द्विवेदी, शैलेश द्विवेदी, वीरेंद्र कुमार राय, देवमणि शुक्ल, रवि राघव, गोरे लाल, संजय पांडेय, हरि शंकर सिंह, रमेश चंद शर्मा, आचार्य विश्वनाथ त्रिपाठी, रमेश वर्मा, आचार्य गौरव, उमाकांत त्रिपाठी, सत्येन्द्र प्रताप सिंह,हंसमणि शुक्ला, विकास शर्मा, अनिल कुमार शर्मा, सर्वेश कुमार तिवारी,रमेश दास, अंगद सिंह तोमर , राम नरेश त्यागी, दिनेश पाठक, अरुण गौड़, सहित तमाम सेक्टरवासी भक्त मौजूद रहे।

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