Bhagwan Mahavir Deshana Foundation: ‘मेरे महावीर’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन

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ऋषि तिवारी


भगवान महावीर देशना फाउंडेशन के तत्वावधान में भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक वर्ष 2024 के अन्तर्गत प्रगति मैदान में नव-निर्मित भारत मण्डपम ऑडिटोरियम नं. 2 में भगवान जन्म कल्याणक के अवसर पर ‘मेरे महावीर’ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।

इस आयोजन की भव्य प्रस्तुति हेतु भगवान महावीर देशना फाउंडेशन के डायरैक्टर श्री सुभाष ओसवाल जैन, अनिल जैन ‘सीए’, राजीव जैन ‘सीए’ एवं मनोज जैन (निगम पार्षद) के साथ जैन युवा संघ दिल्ली के चेयरमैन अंकित जैन, अध्यक्ष वर्षे जैन, महामंत्री दीपक जैन, कोषाध्यक्ष उवित जैन द्वारा जहां अनुमोदनीय प्रयास किए गए वहीं इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री नविता श्रीकांत जैन ‘सी.ए.’, स्वागताध्यक्ष सुधीर कुमार जैन, समारोह गौरव मनीष जैन, विशिष्ट सहयोगी आकाश जैन ‘सी.ए.’, दीप प्रज्ज्वलनकर्ता आकाश जैन की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को विशिष्ट बनाया ।

इस अवसर पर सुश्री नविता श्रीकांत जैन ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए प्रभु महावीर के जीवन के जीवन का भव्य स्वरूप में चित्रण किया वहीं भगवान महावीर देशना फाउंडेशन के डायरैक्टर सुभाष ओसवाल जैन ने जहां उपस्थित महानुभावों का शाब्दिक स्वागत अभिनन्दन किया वहीं उन्होंने संस्था द्वारा पिछले पाँच वर्षों में किए गए कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान की। अनिल जैन ‘सी.ए.’ ने अपनी सारगर्भित प्रस्तुति में प्रभु महावीर के जीवन दर्शन के सौन्दर्य को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि हमने भगवान महावीर देशना फाउंडेशन का गठन मनोज जैन ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि मेरे महावीर प्रभु ने विश्व को ऐसे पाँच महाव्रत विए हैं, जिनकी आज मानव समाज को बहुत ज़रूरत है।

संस्था के डायरैक्टर श्री राजीव जैन ‘सीए’ ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक वर्ष के अन्तर्गत आज देश के शक्ति के केन्द्र भारत मण्डपम में आज प्रभु महावीर का विराजना हुआ है। आज यह विशेष अवसर है कि हम प्रभु महावीर के विचारों पर पुनः चिन्तन करें और जीवन को संवारें। यदि प्रभु महावीर हमारे विचारों में आते हैं तो जीवन में शक्ति का संचार होता है। प्रभु ने आज से 2550 वर्ष पूर्व जो फरमाया उस पर आज वैज्ञानिक भी प्रभु महावीर द्वारा उद्घटित सत्य पर रिसर्च करके सिद्ध करने में लगे हैं। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुउ कहा कि मेरे महावीर का जीवन प्राणी मात्र के लिए था। आज संत आदि जहां एक वर्ग तक ही सीमित हैं वहीं प्रभु महावीर सार्वभौम हैं। प्रभु महावीर ने कहा कि एकेन्द्रिय जीवन अपने आत्मिक गुणों को विकसित

करके मनुष्य भव में आकर साधना के बल पर मोक्ष की ओर अग्रसर हो सकता है। प्रभु महावीर ने जीवन वर्शन को सुन्दर भावों के साथ प्रस्तुत हुए कहा था कि व्यक्ति अपने निज शुद्ध स्वरूप को समझो और दुनिया की अपेक्षा स्वयं की शरण ग्रहण करो आपके अन्दर स्वयं भगवान की शक्ति विद्यमान है। उन्होंने आगे कहा कि जो प्रभु महावीर को आत्मसात् कर लेगा उसकी जीवन यात्रा निश्चित रूप से सफल होगी । ‘मेरे महावीर’ सांस्कृतिक प्रस्तुति को जैन समाज के विख्यात भजन गायक श्री विक्की डी. पारिख ने अपने सुमधुर भजनों द्वारा लगभग तीन से चार घंटे तक समाँ बांध रखा। उपस्थित जनसमूह ने मंत्रमुग्ध होकर जहां भजनों का आनन्द उठाया वहीं उनके मधुर कंठ से उत्सर्णित भजनों के भक्ति रस में डूब कर स्वयं को महावीरमय बनाते रहे।

इस कार्यक्रम की स्वागत समिति में वैभव जैन, अखिल जैन, शुभम जैन, वैभव जैनछ संजय जैन, मनीष जैन, आशीष जैन, आयुष जैन के अलावा जैन युवा संघ के वाइस चेयरमैन अभिषेक जैन, उपाध्यक्ष सचिन जैन एवं विपुल जैन, ऑडिटर मणिभद्र जैन, सह-कोषाध्यक्ष कुणाल जैन, सवस्य आशू जैन, राहिल जैन एवं अंकित जैन आदि के उद्यमी प्रयासों से जहां कार्यक्रम सफल रूप से आयोजित किया गया वहीं लोगों के दिलों में इस कार्यक्रम की मधुर स्मृतियाँ चिरस्थायी बनी रहेंगी।

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