रेलवे लाईन की भूमि में सिंचाई पाईप लाईन को लेकर फर्जीवाड़ा

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सुरेन्द्र दुआ संवाददाता


नूंह। कुण्डली-मानसेर-पलवल(केएमपी) एक्सपै्रस-वे के साथ प्रस्तावित रेलवे के लिए जिला के 22 गावों की करीब 485.14 एकड़ भूमि अधिग्रहण की तमाम प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद बेशक अवार्ड(एन्हांसमेंट) नहीं हुआ है, लेकिन भूमि अधिग्रहत कई किसानों द्वारा सिंचाई के लिए डाली गई भूमिगत पाईपलाईन के मुआवजें में कथिततौर से फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आ रही है।

लोगों की माने तो तावडू उप मण्डल के कई लोगों ने विभागीय व परियोजना अधिकारियों के साथ साजबाज होकर भूमि में कुछ नए पाईपलाईन दबा दिये और उनका मुआवजा के लिए सर्वे की बात सामने आई है, जबकि कई किसानों ने अपने पुराने मकान भी रेलवे लाईन में दिखाए हैं लेकिन साजबाज होकर उनके सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण कराकर सरकारी खजाने में करोड़ों का चूना लगाने की पूरी तैयारी है। इस बाबत गांव धुलावट, सबरस, पंचगांव के अलावा जिला पलवल के कई गांवों के किसान कागजी कार्रवाई में जुटे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि ,कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ जल्द ही ट्रेन भी रफ्तार पकड़ेगी। यह सपना जल्द साकार होने वाला है। रेलवे लाइन बिछाने की परियोजना को पंख लगाने के लिए आगे की कार्रवाई में जुट गए है। जमीन का अवार्ड सुनाने के साथ ही किसानों को मुआवजा देकर रेलवे लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत नूंह जिला की 22 गांव की लगभग 485.14 एकड़ भूमि को अधिग्रहण किया गया । इस भूमि अधिग्रहण में 11 गांव उप तहसील इंडरी व 11 गांव तहसील तावडू के सम्मिलित हैं । इस परियोजना के लिए केएमपी एक्सप्रेसवे के साथ-साथ लगभग 50 मीटर की चौड़ाई में भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।

रेल लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा होना है। इसके लिए जिलास्तर पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लेकिन भूमि अधिग्रहत कई किसानों द्वारा सिंचाई के लिए डाली गई भूमिगत पाईपलाईन व मकानों के मुआवजें में कथिततौर से फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि कई किसानों ने विभागीय व परियोजना अधिकारियों के साथ साजबाज होकर भूमि में कुछ नए पाईपलाईन दबा दिये गये हैं और उनका मुआवजा के लिए सर्वे में जुटे हैं, इसके अलावा कई किसानों ने अपने पुराने मकान भी रेलवे लाईन में दिखाकर मुआवजा हडपने की फिराक में है। इस बारे में कई किसानों ने शिकायत भी दी है लेकिन बात को दबा दिया गया है। क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने इसकी किसी स्वतंत्र एजेंसी से उचित जांच कराकर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

इस बारे में कार्यवाहक डीआरओ कम भूमि अर्जन अधिकारी मनबीर सांगवान ने माना कि भूमि अधिग्रहण की तमाम प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी हैं और कभी भी इसका अवार्ड सुनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भूमिगत पाईप लाईनों का अलग से अवार्ड सुनाया जायेगा और साथ ही कहा कि इसमें फर्जीवाडा होने का कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं पहुंचा हैं और साथ ही दावा कर कहा कि आने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।

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