14वें विशाल कांवड़ सेवा शिविर के बारे में जानकारी के आधार पर निम्नलिखित ब्यौरा प्रस्तुत

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संदिप कुमार गर्ग


नोएडा। सेक्टर 14ए के निकट श्री सिद्धपीठ शनि मंदिर द्वारा आयोजित 14वें विशाल कांवड़ सेवा शिविर के बारे में उपलब्ध जानकारी के आधार पर निम्नलिखित ब्यौरा प्रस्तुत है। यह शिविर शनि शक्तिपीठ द्वारा पिछले 13 वर्षों से लगातार आयोजित किया जा रहा है और इसे नोएडा का सबसे बड़ा कांवड़ विश्राम शिविर माना जाता है। श्री सिद्धपीठ शनि मंदिर, सेक्टर 14ए, नोएडा ,यह शिविर कांवड़ यात्रियों को विश्राम, भोजन, चिकित्सा और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए आयोजित किया जाता है। अध्यक्ष मान सिंह चौहान के नेतृत्व में यह शिविर कांवड़ियों की सेवा के लिए समर्पित है। शिविर में कांवड़ियों से बातचीत कर उनकी सुविधाओं का जायजा लिया और उनके कुशलक्षेम की जानकारी ली।

  • सुविधाएं: विश्राम व्यवस्था: इस वर्ष शिविर में लगभग 1000 कांवड़ियों के लिए विश्राम की व्यवस्था की गई है। चिकित्सा सुविधाएं: शिविर में 24 घंटे मेडिकल सुविधा उपलब्ध है, जिसमें डॉक्टरों का एक पैनल मौजूद रहता है।
  • खान-पान: कांवड़ियों के लिए 24 घंटे भोजन और पेयजल की व्यवस्था की गई है।
  • सुरक्षा: शिविर परिसर में दो दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • साफ-सफाई और अन्य सुविधाएं: शिविर में स्वच्छता, पानी, और बिजली की उचित व्यवस्था की गई है।

पुलिस और प्रशासनिक सहयोग:गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए है

उद्घाटन और प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति:
2025 को भन्डारा प्रसाद सुमित्रा हास्पीटल के चैयरमेन डॉ वी के गुप्ता जी के परिवार की तरफ से था। शिविर में काफी अधिक संख्या में नौएडा की संस्थाओं के प्रतिनिधि शिविर में उपस्थित रहे जिनमें मुख्य रूप से श्री मुकूल वाजपेई जी लोकमन्च नौएडा,लायंस क्लब नौएडा की तरफ से बिपिन बंसल सिंह, अरुणा बंसल सिंह,आर एन श्रीवास्तव,जयश्री श्रीवास्तव, नरेंद्र कुच्छल, योगेन्द्र सिंह आदि काफी संख्या में उपस्थित रहे। शनि सेवा समिति की तरफ से राजीव कुमार मिश्रा मंत्री, दीपक गुप्ता कौषाध्यक्ष, रवि गुप्ता सह कौषाध्यक्ष, प्रमोद त्यागी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उदय मिश्रा उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह चौहान, भुपेंद्र शर्मा एवं दयाशंकर तिवारी पचौरी,एस सी गुप्ता, जी सी अग्रवाल आदि प्रतिदिन सुबह से शाम तक भोलो की सेवा में तत्परता से कार्यरत हैं। यह शिविर न केवल विश्राम और भोजन प्रदान करता है, बल्कि कांवड़ियों के लिए आध्यात्मिक और शारीरिक सुकून का केंद्र भी है। सावन के पवित्र माह में यह शिविर भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां वे हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं।

शिविर में सांस्कृतिक और धार्मिक माहौल बनाए रखने के लिए भी प्रयास किए जाते हैं, जिसमें भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक गतिविधियां शामिल हैं। अतिरिक्त जानकारी:श्री सिद्धपीठ शनि मंदिर, जिसके पास यह शिविर आयोजित होता है, लगभग 100 साल पुराना माना जाता है और इसे यमुना देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता था। पुलिस प्रशासन द्वारा कांवड़ मार्गों पर साफ-सफाई, बिजली, और रूट डायवर्जन की व्यवस्था भी की गई है ताकि यात्रा सुगम हो।

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