अंगद की रावण को चुनौती व मेघनाद,कुंभकरण वध

ऋषी तिवारी
नोएडा। श्रीराम मित्रमंडल नोएडा रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला मंचन स्थल रामलीला मैदान सेक्टर-62 में दसवें दिन मुख्य अतिथि एडिशनल पुलिस कमिश्नर राजीव नारायण मिश्रा, पुलिस उपायुक्त यमुना प्रसाद,एडीएम एलआर बच्चू सिंह, पुलिस उपायुक्त यातायात डॉ॰प्रवीण रंजन सिंह,अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुमित शुक्ला,स्वामी राजेश्वरानंद महाराज द्वारा दीप प्रज्वलन कर रामलीला मंचन की शुरुआत की गई।
श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति से सत्य नारायण गोयल, अनिल गोयल, एस एन गुप्ता तरुण राज व ललित सिंघल ने सभी अतिथियों व उपस्थितजनों का स्वागत किया। पहले दृश्य में अंगद रावण से कहता है कि माता सीता को लौटा दो और प्रभु की शरण में आ जाओ लेकिन अहंकार वश रावण अंगद का उपहास उड़ाता है ।तब अंगद अपना पैर रोपते हैं और कोई भी अंगद का पैर डिगा नहीं पाया।अंत में रावण उठता है और ज्योही अंगद का पैर पकड़ने उठता है अंगद कहते हैं कि अगर पैर पकड़ने हैं तो श्रीराम के पकड़ो।रावण लज्जित होता है और अंगद रामदल में पहुंच जाते हैं। श्रीराम सेना लंका पर आक्रमण कर देती है।रावण अपने पुत्र मेघनाद को भेजता है।
मेघनाद लक्ष्मण पर शक्ति से प्रहार करता है और लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं।हनुमान जी सुषेन वैद्य को लाते हैं जो संजीवनी लाने को कहते हैं । हनुमान संजीवनी लेने जाते हैं जिसे देख दर्शक प्रसन्नता से झूम उठते हैं ।संजीवनी से लक्ष्मण की मूर्छा खुलती है। अगले दृश्य में मूर्छा टूटने के पश्चात लक्ष्मण मेघनाथ का वध करने की प्रतिज्ञा लेते हैं और राम से आशीर्वाद ले कर मेघनाथ से पुनः युद्ध के लिए जाते हैं। वध करने की प्रतिज्ञा लेकर लक्ष्मण जिस समय युद्ध भूमि में जाते समय श्रीराम उनसे कहते हैं- “लक्ष्मण, रण में जाकर तुम अपनी वीरता और रणकौशल से रावण-पुत्र मेघनाद का वध कर दोगे, इसमें मुझे कोई संदह नहीं है। परंतु एक बात का विशेष ध्यान रखना कि मेघनाद का मस्तक भूमि पर किसी भी प्रकार न गिरे। क्योंकि मेघनाद एकनारी-व्रत का पालक है और उसकी पत्नी परम पतिव्रता है। ऐसी साध्वी के पति का मस्तक अगर पृथ्वी पर गिर पड़ा तो हमारी सारी सेना का ध्वंस हो जाएगा और हमें युद्ध में विजय की आशात्याग देनी पड़ेगी।
श्रीराम जी बात सुनकर लक्ष्मण अपनी सैना लेकर चल पड़े। रणभूमि में उन्होंने वैसा ही किया। युद्ध में अपने बाणों से उन्होंने मेघनाद का मस्तक उतार लिया, पर उसे पृथ्वी पर नहीं गिरने दिया। हनुमान उस मस्तक को रघुनंदन के पास ले आये।तत्पश्चात मेघनाथ की पत्नी सुलोचना अपने पति का सर लेने के लिए श्रीराम शिविर में जाती है राम को जब यह पता चलता है तो वह स्वयं सुलोचना की से मिलने निकल पड़ते हैं और सुलोचना को विधि के विधान से अवगत कराते हैं।
मेघनाथ के वध के पश्चात रावण कुभकरण को जगाता है ।कुभकरण के पराक्रम से राम सेना में खलबली मच जाती है तब भगवान श्रीराम बाणों से उस पर प्रहार करते है और कुंभकरण का वध कर देते हैं । इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गोयल,महासचिव डॉ॰मुन्ना कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सलाहकार मनोज शर्मा, मीडिया प्रभारी मुकेश गुप्ता, गिरिराज बहेड़िया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यनारायण गोयल, राजकुमार गर्ग, चौधरी रविंद्र सिंह, दयाशंकर तिवारी, पवन गोयल, मुकेश गोयल, बजरंग लाल गुप्ता, गौरव महरोत्रा, मुकेश अग्रवाल, चक्रपाणि गोयल, अनंत वर्मा, राजेश माथुर, साहिल चौधरीं, सुधीर पोरवाल, नवीन पोरवाल, अर्जुन अरोड़ा, आर के उप्रेती, दीपक अग्रवाल, दयाशंकर तिवारी, बाबूराम शर्मा सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे। श्रीराम मित्र मण्डल रामलीला समिति के महासचिव डॉ॰मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि आज 2 अक्टूबर को अहिरावण वध, श्रीराम-रावण युद्ध, रावण वध, दशहरा महोत्सव, रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाएगा।