संतोष राव का रेडियो जॉकी से जेल सुधारक तक का अद्भुत सफर
ऋषी तिवारी
आकाशवाणी के प्रसिद्ध रेडियो जॉकी (RJ) संतोष राव ने अपने अद्भुत प्रयासों से जेल सुधार और समाज सेवा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है। उन्होंने न केवल रेडियो की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई बल्कि तिहाड़ जेल के बंदियों के जीवन में भी बदलाव लाने का बीड़ा उठाया है।
रेडियो से समाजसेवा का सफर
संतोष राव का जन्म और पालन-पोषण समाजसेवा की भावना के साथ हुआ। वर्ष 2000 में उन्होंने “लक्ष्य” नामक NGO की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करना, एचआईवी/एड्स पीड़ितों की मदद करना और जेल में बंद कैदियों का पुनर्वास। उनके इन प्रयासों ने जेल के दीवारों के भीतर भी नई उम्मीदें जगा दीं।
तिहाड़ में संगीत और कला का नया आयाम
संतोष राव के प्रयासों से तिहाड़ जेल में बंदियों ने सिंगिंग, डांस और एक्टिंग जैसी कलाओं में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने “FLYING SOUL” और “ROCK THE BAND” जैसे संगीत बैंड का गठन किया, जो 2014 में इंडिया हैबिटेट सेंटर और एयरफोर्स ऑडिटोरियम में प्रदर्शन कर मिसाल बन गए। इन कार्यक्रमों ने जेल की छवि को बदलने में अहम भूमिका निभाई।
FM-Tihar Jail का शुभारंभ
वर्ष 2013 में, तत्कालीन जेल महानिदेशक (IPS) विमला मेहरा के सहयोग से, संतोष राव के सुझाव पर FM-Tihar Jail (FM-TJ) की स्थापना की गई। इस पहल का उद्देश्य था—कैदियों को रेडियो के माध्यम से समाज से जोड़ना और उन्हें नई दिशा देना। संतोष राव ने इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया, जिसमें 1800 से अधिक बंदियों को रेडियो जॉकी बनने का प्रशिक्षण दिया गया है। वर्तमान में, वे तिहाड़ और मंडोली जेल की 16 इकाइयों में करीब 250 बंदियों को रेडियो जॉकी प्रशिक्षण दे रहे हैं।
बंदी कलाकारों की नई पहचान
संतोष राव द्वारा प्रशिक्षित बंदियों ने “तिनका-तिनका तिहाड़ एंथम”, “जी ले जरा” और “यह तिरंगा” जैसे प्रेरणादायक गीत गाकर समाज में नई उम्मीद जगाई है। इन प्रयासों ने साबित किया कि नीयत नेक हो तो बदलाव संभव है।

