September 4, 2025

कारीगरी में खिला उद्यमिता का उत्सव

kargani

11 Views

ऋषि तिवारी


नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की शक्ति और सृजनशीलता का भव्य उत्सव “कारीगरी” राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर शुरू हो गया है। यह प्रदर्शनी देश के विभिन्न हिस्सों से आए एमएसएमई उद्यमियों को अपने उत्पादों और नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर दे रही है। आयोजन 14 सितंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक जारी रहेगा।

इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई उद्यमियों को बाजार से सीधे जोड़ना और उन्हें अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए नए अवसर उपलब्ध कराना है। इसका आयोजन अंबपाली हैंडलूम एवं हस्तकला बहुराज्य सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा किया गया है। यह आयोजन एमएसएमई मंत्रालय की प्रोक्योरमेंट और मार्केटिंग सपोर्ट (पीएसएम) योजना के अंतर्गत समर्थित है। राष्ट्रीय जूट बोर्ड सह-प्रायोजक है और राष्ट्रीय परीक्षणशाला सहित कई संस्थाओं का सहयोग इसमें शामिल है।

प्रदर्शनी का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय जूट बोर्ड के सहायक निदेशक मनोज कुमार थंडालिया ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कारीगरी भारतीय एमएसएमई उद्यमिता का उत्सव है। ऐसे आयोजन उद्यमियों को न केवल मंच देते हैं, बल्कि उनके नवाचार और उत्पादों को वैश्विक पहचान भी दिलाते हैं। जूट से निर्मित उत्पाद उद्यमियों की सृजनशील सोच के परिणाम है। पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं के प्रति लोगों में जागरुकता आने से जूट उत्पादों को लेकर रुची जगी है। यह क्षेत्र हमारी आर्थिक आत्मनिर्भरता का आधार है और लाखों उद्यमियों व रोजगार से जुड़े लोगों के जीवन को नई दिशा देता है।”

नाबार्ड के दिल्ली क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री नवीन कुमार राय ने कहा— “एमएसएमई क्षेत्र आज भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कारीगरी जैसे आयोजन हमारे उद्यमियों को न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक बाजार से भी जोड़ने में सेतु का काम करेंगे। यह प्रदर्शनी इस बात का प्रमाण है कि हमारे उद्यमी नवाचार, गुणवत्ता और परंपरा तीनों को साथ लेकर चल रहे हैं। हमें इन्हें बड़े पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग के अवसर देने होंगे। एमएसएमई इकाइयाँ देश के रोजगार सृजन का सबसे बड़ा आधार हैं। कारीगरी से यह संदेश जाता है कि हमारी स्थानीय उद्यमिता अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है।”

करीब 80 स्टॉलों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, ओडिशा, असम, हिमाचल, झारखंड और आंध्र प्रदेश के एमएसएमई उद्यमी अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। राष्ट्रीय जूट बोर्ड के 10 विशेष स्टॉल पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ जूट उत्पादों से आगंतुकों को आकर्षित कर रहे हैं।

प्रदर्शनी के भीतर स्थापित एमएसएमई इनोवेशन प्लेटफ़ॉर्म विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है, जहाँ 60 से अधिक उद्यमी वस्त्र, शिल्प और कृषि उत्पादों में अपने नवीन प्रयोग प्रदर्शित कर रहे हैं। साथ ही हर्बल और ऑर्गेनिक उत्पाद, कृषि-आधारित घरेलू सामान, ड्राई फ्रूट्स, होम डेकोर और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ भी खास आकर्षण बने हुए हैं।

आयोजक संस्था अंबपाली की अध्यक्षा अर्चना सिंह ने कहा कि “कारीगरी केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एमएसएमई उद्यमियों की मेहनत और नवाचार को पहचान दिलाने का माध्यम है। इसका उद्देश्य भारत की जड़ों से जुड़े उद्यमों को वैश्विक बाजार तक पहुँचाना है।”

प्रदर्शनी को जीवंत बनाने के लिए प्रतिदिन क्षेत्रीय लोक-संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक संध्याएँ हो रही हैं। साथ ही पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल दर्शकों को विभिन्न राज्यों के असली स्वाद से रूबरू करा रहे हैं।

करीब दो सप्ताह तक चलने वाली यह प्रदर्शनी निःशुल्क प्रवेश के साथ आम जनता के लिए खुली है। यह आयोजन न केवल एमएसएमई उद्यमियों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि देश की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत को सीधे लोगों तक पहुँचाने का सशक्त प्रयास भी है।

About Author

Contact to us