ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। भारत मंडपम में आयोजित दिल्ली के 43वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला एवं संस्कृति से सराबोर विकसित भारत @2047 थीम के साथ, 14 नवंबर से 27 नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2024 का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित इस सरस आजीविका मेला 2024 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 31 राज्यों की 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 150 से अधिक स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन व बिक्री कर रही हैं।
सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 31 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री हो रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को अपनी रोजगार शुरू करने का मौका मिल सके। ताकि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया आत्मनिर्भर भारत का संकल्प व “वोकल फॉर लोकल” अभियान को बढ़ावा मिल सके। साथ ही प्रधानमंत्रीजी के ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का सपना भी साकार हो सके।
सरस को इस बार लखपति दीदियों पर फोकस किया गया है। यही कारण है कि सरस को पांच जोन में लखपति दीदियों के राज्यों के हिसाब से बांटा गया है। इसके अन्तर्गत लखपति दीदी जोन एक में जहां नार्थ-ईस्ट के राज्य हैं वहीं, जोन दो में साउथ इंडियन स्टेट्स हैं। इसके साथ ही जोन तीन में जहां उत्तर भारतीय राज्य हैं वहीं, जोन चार में उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य हैं। साथ ही जोन पांच में बिहार झारखंड समेत पूर्वांचल समेत अन्य राज्य हैं।
इसके साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद होंगे, प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल, कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध रहेंगे।