दीपक कुमार तिवारी
पटना। बिहार सरकार के स्तर से बराबर राशन कार्ड को आधार से लिंक कराने को कहा जाता है। इसके लिए एक तिथि निर्धारित की जाती है। यानी उस तिथि तक ई-केवाईसी नहीं कराने पर संबंधित उपभोक्ताओं का राशन की आपूर्ति बंद कर दी जाती है और उनके राशन कार्ड भी रद्द कर दिए जाते हैं। हर बार बड़ी संख्या में उपभोक्ता ई-केवाईसी नहीं करा पाते हैं और उनके राशन कार्ड रद्द कर दिए जाते हैं। इस बार 15 जून तक ई-केवाईसी कराने लेने को कहा गया है।
दरअसल, बहुत सारे उपभोक्ताओं की मृत्यु हो जाती है। फिर उनके नाम पर राशन का उठाव होता रहता है। वहीं, बहुत सारे उपभोक्ता राशन कार्ड बनवा कर बाहर चले जाते हैं और वे राशन का उठाव नहीं कर पाते है। उनके नाम का राशन डीलर के यहां शेष रह जाता है।
इसी लिहाज से सरकार ई केवाईसी के जरिए यह जानना चाहती है कि वास्तव में कितने लाभुक हैं, जो राशन उठा रहे हैं। सरकार के स्तर से एक बार फिर क्लियर कर दिया गया है कि 15 जून तक ई केवाईसी नहीं कराने वाले लाभुक राशन के लाभ से वंचित हो जाएंगे। सरकार ने कहा है कि अगर किसी के पास राशन कार्ड नहीं है, तो वे बनवा सकते हैं।
सरकार के स्तर से उपभोक्ताओं को जानकारी दी गई है कि सभी लाभुक निर्धारित तिथि के अंदर अपने निकटतम जन वितरण प्रणाली दुकान पर जाकर अनिवार्य रूप से ई-केवाईसी करा लें। उक्त प्रक्रिया दुकानों पर लगाए गए पॉस मशीन के माध्यम से निशुल्क की जाएगी।
अगर तय समय के अंदर लाभुकों द्वारा ई-केवाईसी नहीं कराया जाता है, तो राशन कार्ड से उनका नाम खुद विलोपित हो जाएगा। पूरे परिवार के सदस्यों का ई केवाईसी होना है।
हाल के महीनों में सूबे के जिलों के विभिन्न प्रखंडों में बड़ी संख्या में लोगों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। इनमें वैसे लोग भी शामिल हैं, जो राशन कार्ड के उपयोग के लिए अपात्र थे।
गौरतलब है कि पक्का का मकान, बाइक, फ्रिज समेत अन्य संपत्ति होने पर संबंधित व्यक्ति के नाम का राशन कार्ड रद्द करने की कार्रवाई वर्षों से चल रही है। हालांकि यह कार्रवाई काफी धीमी है।
सरकारी सेवक के आलावा किसी शिक्षक के भी नाम से राशन कार्ड है, तो उन्हें राशन कार्ड लौटा देना है, पर जिले में अब भी वैसे लोगों की कमी नहीं है, जो अपात्र होने के बावजूद राशन कार्ड का लाभ उठा रहे हैं।