सुरेन्द्र दुआ संवाददाता (हरयाणा)
नूंह। जिला की मंडिय़ों में खरीफ फसलों की आवक शुरू हो चुकी हैं। सरकारी खरीद शुरू न होने से किसान कारणवश खुले में निजि दुकानों पर जिन्स की बिक्री कर रहे हैं। हैरत की बात देखने को यह मिल रही है कि सरकार की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई फरमान जारी नहीं हुआ हैं। उधर,दूसरी तरफ जिला की तावडू अनाज मंडी में करीब 10 हजार क्विंटल बाजरे की आवक हो चुकी हैं। मंडी में खुली बोली पर 1600 से 2000 रू0 प्रति क्विंटल की दर से बिकवाली हो रही हैं। जबकि, सरकार द्वारा बाजरे का 2350 रू0 न्यूनतम मुल्य निर्धारित किया हुआ हैं। किसानों व उनके संगठनों की माने तो यहां का छोटे काश्तकार होने से खरीफ फसलों की बिक्री के बाद ही रबी फसलों की तैयारी की जाती हैं।
इसी तरह, अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कामरेड काले खान, नसीबा,लालचंद व पिंटू आदि का कहना है कि जिला की मंडिय़ों में खरीफ फसलों की आवक शुरू हो चुकी हैं। लेकिन सरकार ने अभी तक अपनी नीति तक का खुलासा नहीं किया हैं, खासकर बाजरे की सरकारी खरीद या भावांतर योजना के बारे में लम्बा इंतजार करने के बाद किसान कारणवश अपनी उपज को निजि दुकानदारों केा औने-पौने दाम में बेच रहा है। उन्होंने आरोप लगाकर कहा कि सरकार की कथनी -करनी में फर्क होने से किसानों में नाराजगी हैं।
इस बारे में मार्किट कमेटी के सचिव कम कार्यकारी अधिकारी मोहन जोवल ने माना कि तावडू मंडी में अब तक करीब 10 हजार क्विंटल बाजरे की आवक हो चुकी हैं। उन्होंने आगे बताया कि सरकार की ओर से अभी तक न्यूनतम मूल्य पर खरीद करने के लिए कोई पत्र नहीं भेजा हैं और साथ ही दावा कर कहा कि आने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि मंडी में खुली बोली में 1600 से 2000 रू0 प्रति क्विंटल बाजरे की बिकवाली हो रही हैं। जबकि, न्यूनतम मुल्य 2350 रू0 प्रति क्विंटल हैं।