ऋषि तिवारी
नोएडा। थाना सेक्टर 142 नोएडा पुलिस ने सेक्टर 90 स्थित भूटानी अल्फाथम में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जिसमें मौके पर 40 पुरुष और 33 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपी नोएडा में बैठकर अमेरिका के नागरिकों के साथ ठगी करते हैं। आरोपी काफी समय से ठगी की वारदात कर रहे थे। इस गिरोह के चार सदस्य फरार चल रहे हैं। जिसमें सरगना भी शामिल है।
एडीसीपी सेन्ट्रल नोएडा कठेरिया ने बताया कि शनिवार को सेक्टर 90 स्थित भूटानी अल्फाथम में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी किया गया जिसमें 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मौके से 73 कम्प्यूटर सैट (टीएफटी, सीपीयू, कीबोर्ड, माऊस, हेड फोन आदि), 14 मोबाइल, 03 राउटर, 48,000 रुपये नकदी, 58 वर्क प्रिन्ट आउट (फर्जी काल सेन्टर संचालन के उपकरण) बरामद किए गए। इस दौरान कॉल सेंटर के सरगना समेत चार आरोपी भागने में कामयाब रहे। एडीसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों द्वारा कम्पयूटरों को टैली कालिंग के रूप में उपयोग कर आईवीआर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को कॉल की जाती थी।
उन्हें सोशल सिक्योरिटी नम्बरों का दुरुपयोग कर अपने झांसे मे लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड-क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसों की ठगी की जाती थी।
एडीसीपी ने बताया कि आरोपी कम्प्यूटर में मौजूद VICIdial साफ्टवेयर और एक्सलाईट/ eyebeam डायलर का प्रयोग करके कॉल प्राप्त करते थे जो कॉल सेंटर के मालिक के द्वारा लैंड करवाई जाती थी। काल प्राप्त होने पर फ्लोर पर मौजूद सभी US मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिको की कॉल रिसीव करते थे, जिन्हे सोशल सिक्योरिटी नम्बर से सम्बंधित आपराधिक गतिविधियों मे उनके लिप्त होने का डर दिखाकर गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसा प्राप्त कर ठगी करते थे। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ थाना सेक्टर 142 में धोखाधड़ी, आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में गैंग का सरगना समेत 4 लोग फरार चल रहे हैं। पुलिस की कई टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी हैं।
कॉल सेंटर में कार्यरत आरोपी फर्जी टेली कॉलिंग का इस्तेमाल कर विदेशी नागरिको को काल किया जाता है। कॉल मिलनें पर आरोपियों द्वारा अमेरिकी नागरिकों को झांसा देकर उनसे उनका सोशल सिक्योरिटी नम्बर प्राप्त किया जाता है। इसके बाद आरोपियों द्वारा एक यूनिवर्सल स्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया जाता था जिसको याद करके अमेरिकी नागरिकों को झांसा दिया जाता था। आरोपियों द्वारा अमेरिकी मार्शल और अमेरिकी ट्रेजरी की फर्जी ईमेल आईडी बनायी गयी। जिनके द्वारा अमेरिकी नागरिको के सोशल सिक्योरिटी नम्बरों का दुरूपयोग करके उनका नाम अवैध आपराधिक गतिविधियों मे आ जाने की बात कहकर और एफबीआई द्वारा जांच और गिरफ्तारी करने की बात कह कर ठगी की जाती थी।