आदित्य शर्मा
देहरादून के विकासनगर निवासी रहने वाले प्रोफेसर निशांत सिंह ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह करने की ठानी और जिसकी ऊंचाई ५६४२ मीटर है। आखिरकार उन्होंने इसे कर दिखाया हालांकि इसके लिए उन्हें मौसम ने कड़ी चुनौती दी लेकिन सारी मुश्किलों का मुकाबला करते हुए वे यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने में कामयाब रहे है। 13 जुलाई रात 2:30 बजे चले थे और सुबह सुबह 9:40 पर पहुंच गए। इनके साथ छतीसगढ़ की पर्वतारोही निशा यादव भी मौजूद थी। जो कि लॉएड लॉ कॉलेज में निशांत सिंह प्रोफेसर के रुप में कार्यरत है। जिसमें माउटेन के संस्थापक कृष्णेंदु दास भी मौजूद थे।
माउंट एल्ब्रुस पर लहराया तिरंगा
लॉएड लॉ कॉलेज में निशांत सिंह प्रोफेसर ने बर्फीली हवाओं का सामना किया और यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर चढ़ गए। हालांकि इस कारनामे को करने के लिए उन्हें काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वहां पहुंचकर उन्होंने शान से भारत का झंडा लहराया और देश का मान बढ़ा दिया है।
निशांत सिंह ने बताया कि उन्हें चढ़ाई के दौरान काफी मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा और उन्होंने माइनस 30 डिग्री के टॉर्चर का सामना किया है। साथ ही 60 प्रति किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज बर्फीली हवाओं ने उन्हें चढ़ाई करने से रोकने की कोशिशें की। इसके अलावा वहां ऑक्सीज़न की मात्रा सिर्फ 50 प्रतिशत थी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और माउंट एल्ब्रुस पर विजय हासिल कर ली।