सुरेन्द्र दुआ संवाददाता
नूह। जिला में बंदरों के आतंक से लोग इसके शिकार हो रहे हैं, शासन-प्रशासन को बार-बार शिकायत देने पर भी समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा हैं। जिलावासियों की माने तो कोई शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब वह किसी को अपना शिकार न बनाते हों। इसके अलावा टीवी, डिस, छतरी,पेयजल पाईप लाईने, टंकिया, कपडे, घरों कीमती सामान के अलावा खाने-पीने की चीजे तोड़ देते हैं व उठाकर ले जाते हैं।
हैरत की बात देखने को यह मिल रही है कि तावडू में बंदरों की मनमानी का मामला नपा की मासिक बैठक में छाया रहने के बाद बैठक में मौजूद सभी पार्षदों ने इस मुददे को निरस्त कर दिया था। इससे शहरवासियों में पार्षदों के अलावा शासन-प्रशासन के प्रति रोष हैं। तावडूवासी वेदप्रकाश, किशन, दलीप, शंकर, लेखराज, मदनलाल, लक्ष्मणदास के अलाव नूंह निवासी ममता, गोसी, राजू, सुरेन्द्र जैन, साहिल माथुर, रमेश, शंकर आदि ने बताया कि जिला के शहरी क्षेत्रों खासकर नूंह व तावडू में बंदरों का आतंक थामें नहीं थम रहा है।
बंदरों द्वारा रोज किसी ना किसी को शिकार बनाने के अलावा कीमती सामान को उठाकर ले जा रहे हैं जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द समस्या समाधान की मांग की है। इस बारे में नूंह नगर परिषद के कार्यवाहक ई0ओ0 के बारे में ठेका कर्मी अनिल कुमार ने बताया कि साहब के पास यहां का अतिरिक्त चार्ज हैं और वह अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं और आने पर इतला कर दी जायेगी।