ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। देखा जाए एक तरफ जहां पानी के लिए दिल्ली में अफरा-तफरी मची हुई है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके में कुड़े की गाड़ी नही आ रही है वही तीसरी समस्या सीवर लाइन ब्लॉक है जिसकी शिकायते तो हो जाती है लेकिन लेकिन काम नहीं होता है यह काम करते करते सीविर अधिकारी कम से कम 1 महिने लगा देते है और अधिकारी के बारे में बात करें तो वहा बैठे लोग सही से जवाब तक नहीं दिया जाता है और अधिकारी भी आए दिन आफिस में नहीं होंते है।
बता दे कि मोहन गार्डन के आये दिन मोहन गार्डन बुध बाजार, पशुराम चौक, गुरुद्वारा रोड और मोहन गार्ड के कई इलाकों में सीवर ब्लॉक की समस्या बनी हुई है जहां स्वच्छता नहीं देख पा रही है देखा जाए तो अधिकारी ध्यान नहीं देते है सीवर लाईन की कितनी समस्या है जो मोहन गार्डन में आये दिन आ रहा है और रोड़ पर गंदे पानी भर जा रहे है आने जाने की समस्या बनी हुई जो कि मोहन गार्डन के आफिस में कोई अधिकारी नहीं मिलता है।
अधिक कंपलेन काम कुछ नहीं
देखा जाए तो ऐसे मोहन गार्डन आफिस के बहोत से कंपलेन आम जनता की है। जो कि अधिकारियों पर है आये दिन कंपलेन तो लिख लिया जाता है लेकिन उस पर काम करने के लिए कम से कम महिने से उपर हो जाता है और अधिकारी ध्यान नहीं देते है या अधिकारी नहीं आते यह समस्या बनी हुई है। क्योंकि यहां अधिकारी की सिट अधिकतर खाली दिखाई देती है।
अधिकारी से लेकर वर्कर तक दबंग
देखा जाए तो मोहन गार्डन में अधिकारी से लेकर वर्कर तक दबंग दिखाई देते है क्योंकि जानकारी होने और पूछताछ करने पर काम नहीं करेंगे धमकी और शिकायत का धौस दिखाया जाता है और काम बंद कर दिया जाता है।