अनिल बेदाग़ संवाददाता
मुंबई। भारत की अग्रणी एसयूवी निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आज औपचारिक रूप से अपने नए डिजाइन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, महिंद्रा एडवांस्ड डिजाइन यूरोप (एमएडीई) का उद्घाटन किया जो ईवी उत्पादों के कंपनी के पोर्टफोलियो के लिए वैचारिक केंद्र के रूप में काम करेगा। वैश्विक ऑटोमोटिव और बैनबरी, ऑक्सफ़ोर्डशायर के ई वी में स्थित है। यह रीजन जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का घर कहा जाता है, अपने हाई एंड रीसर्च और शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रसिद्ध है। महत्वपूर्ण रूप से, ऑक्सफ़ोर्डशायर नई और उभरती हुई तकनीकों जैसे आर्टफिशल इन्टेलिजन्स, स्वायत्तता, एडवांस्ड रोबोटिक्स आदि तक पहुँच प्रदान करता है जो मोबिलिटी के भविष्य को आकार देता है।
महिंद्रा ग्लोबल डिज़ाइन नेटवर्क के हिस्से मेड का पहला उद्देश्य भविष्य की सभी महिंद्रा ईवी और उन्नत वाहन डिज़ाइन अवधारणाओं की कल्पना और निर्माण करना है। महिंद्रा ग्लोबल डिज़ाइन नेटवर्क के हिस्से में मुंबई में महिंद्रा इंडिया डिज़ाइन स्टूडियो भी शामिल है। इसका उद्घाटन महिंद्रा समूह के अध्यक्ष, आनंद महिंद्रा ने यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री रानिल जयवर्धने के साथ किया।
मेड अत्याधुनिक आर्ट डिज़ाइन टूल से लैस है, जो इसे अवधारणा 3D डिजिटल और फिज़िकल मॉडलिंग, क्लास-ए सरफेसिंग, डिजिटल विज़ुअलाइज़ेशन और ह्यूमन-मशीन इंटरफ़ेस (HMI) डिज़ाइन सहित एंड-टू-एंड डिज़ाइन गतिविधियों को हैन्डल करने में सक्षम बनाता है। इसमें एक पूर्ण डिजिटल विज़ुअलाइज़ेशन सूट, क्ले मॉडलिंग स्टूडियो, वीआर डिजिटल मॉडलिंग और डिजिटल के साथ-साथ फिज़िकल प्रेज़न्टैशन एरिया भी शामिल हैं।
इस मौके पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि महिंद्रा एडवांस्ड डिजाइन यूरोप हमारे इनोवैशन के तंत्रिका नेटवर्क में एक और महत्वपूर्ण कदम है। 15 से भी कम महीनों में, इसके काम ने लोगों का दिल जीत कर इसके सुनहरे भविष्य का खाका तैयार कर लिया है। आज हम जो भी कदम उठायेंगे, वह यह तय करेगा कि कल की दुनिया कैसी होगी।
यूके के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री जयवर्धने ने कहा, “ब्रिटेन में निवेश करने से नौकरियां पैदा होती हैं, वेतन में वृद्धि होती है और हमारी अर्थव्यवस्था का विकास होता है। इस तरह हम लोगों को अभी और भविष्य में बेहतर जीवन जीने में मदद करते हैं। इसलिए ऑक्सफोर्डशायर में महिंद्रा के निवेश और विस्तार को देखना शानदार अनुभव है। हम अगले दशक में एंग्लो-इंडियन व्यापार को दोगुना करने की मांग कर रहे हैं और यह एक मुक्त व्यापार सौदा (free trade deal) को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अतिरिक्त, यह व्यापार बाधाओं से निपटने और दोनों देशों में व्यवसायों को नए अवसरों को भुनाने में मदद करेगा।