जानिए किन आसनों को फायदेमंद मानते हैं विशेषज्ञ

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जिन लोगों को अक्सर माइग्रेन की समस्या रहती है उनके लिए दैनिक जीवन के सामान्य काम को करना भी कठिन हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, माइग्रेन का दर्द अधिक तीव्रता वाला और प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता के साथ हो सकता है। कुछ स्थितियां माइग्रेन अटैक को ट्रिगर कर सकती हैं जिसको लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जिन लोगों को अक्सर माइग्रेन की समस्या होती रहती है उन्हें किसी विशेषज्ञ से मिलकर इसके दार्घकालिक उपचार विधियों को प्रयोग में लाते रहना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं माइग्रेन साइकोसोमैटिक डिस्आर्डर हो सकता है, यानि कि यह दर्शाता है कि आपमें किसी प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्या तो जन्म नहीं ले रही है? माइग्रेन के लक्षणों को कम करने और इससे बचाव के लिए योगासनों के अभ्यास की आदत बनाना आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। योग न सिर्फ आपको इसके दर्द की तीव्रता से बचाने में मदद करते हैं साथ ही माइग्रेन के होने वाले अटैक को रोकने में भी इससे लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं कि किन योगासनों के अभ्यास से माइग्रेन की समस्या में लाभ पाया जा सकता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, माइग्रेन की स्थिति में रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं। इससे सिर में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, इसलिए आपको ऐसी योग मुद्राओं का अभ्यास करना चाहिए जिसमें आपका सिर आपकी छाती से ऊंचा हो। उदाहरण के लिए, बालासन योग की मुद्रा में आपको लाभ मिल सकता है। अधोमुख शवासन, प्रसारित पदोत्तानासन और हस्तपादासन जैसी मुद्राओं के अभ्यास से भी इस तरह की समस्याओं में लाभ पाया जा सकता है।

सिरदर्द को कैसे कम करें? यदि तमाम प्रयासों के बाद भी आपके माइग्रेन की समस्या ठीक नहीं हो पा रही है, तो इस समस्या के लेकर आपको मनोचिकित्सकों से मिलना चाहिए। माइग्रेन की समस्या से बचाव के लिए योगासनों के साथ-साथ डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयों का भी सेवन करते रहना आवश्यक माना जाता है। माइग्रेन को ट्रिगर करने वाली स्थितियों से बचाव करते रहना आवश्यक माना जाता है।

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