सभी को साफ और गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराना दिल्ली जल बोर्ड की जिम्मेदारी है। लेकिन उसके अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं। उलटे वे लापरवाही से बाज नहीं आते है और केजरीवाल तक बात जाने के बाद भी नजर अंदाज किया जा रहा है मीडिया को भी वे रेस्पांस नहीं देते। दिल्ली में उत्तम नगर के मोहन गार्डन के कई इलाकों में आए दिन पानी खराब आ रहा है, जिसमे आये दिन दिल्ली केजरीवाल सरकार बीमारी बाट रहे है। देखा जा तो यहां रोज कोई ना कोई बिमारी से जुझता रहता है।
ऋषि तिवारी
लोकडाउन के समय से दिल्ली जल बोर्ड रीडिंग बंद कर दिए गए है जो भी अब चालू कर दिए गए है फिर भी जल बोर्ड अधिकारी कई -कई महिने रिडिग चेंक करने नहीं आते और ना ही बिल घर पर पहुंचाते है। जब भी 6 महिने में एक बार आते है तो अधिक बिल आ जाते है जिससे गरिब जनता उस बिल भरने में असक्षम है क्योंकि वह बिल 10 हजार से अधिक होते है जो कि आम जनता उसे एक साथ भरने में असक्षम है जो कि जल बोर्ड अधिकारी या कोई बाजू से पैसे लेकर मिली भगत से सिर्फ जल बोर्ड अधिकारियों के बिल कम कर दिये जाते जो कि आम आदमी के लिए नहीं है। बल्कि आम आदमी को पूरा पानी का बिल भरना है नहीं तो पानी बंद कर दिया जाता है।
आपको बता दे एक सर्वे में पाया गया है कि मोहन गार्डन में अधिकारियों का बोलबाला चलता आ रहा है। क्योंकि दिल्ली मोहन गार्डन में कई इलाको में पाईपलाईन लिकेज है जो कि मोहन गार्डन के अधिकारियों को कहा जाता है चेक करे लेकिन वह चेंक नहीं करते बल्कि सिर्फ ऑनलाईन मोबाईल कंपलेन से लेकर आये है।
बताना जरूरी है कि एक पत्रकार ने पहले भी इस पर सर्वे किया था जिसमें अधिकारियों का व्यवहार आपत्तिजनक पाया गया था। दिल्ली जल बोर्ड के मीटर रीडर भी ठीक से बात नहीं करते। जल बोर्ड की ओर स एक दिन छोड़ कर दूसरे दिन पानी दिया जाता है। यह पानी भी 70 प्रतिशत दूषित और गंदा पानी होता है। जब भी मोहन गार्डन के घरों में बुध बाजार, गांधी चौक और अन्य जगह पानी चालू किया जाता है तो वह 100 प्रतिशत गंदा होता है। तभी तो इस पानी से टंकी भी दूषित हो जाती है।