पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर इंफर्टिलिटी यानी कि बांझपन की समस्या काफी तेजी से बढ़ती हुई रिपोर्ट की जा रही है। यह समस्या महिला-पुरुष किसी में भी हो सकती है, आम तौर पर एक तिहाई मामले पुरुषों में समस्या के कारण होते हैं। इस समस्या के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ गड़बड़ लाइफस्टाइल को प्रमुख कारण के तौर पर देखते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं यदि सेंडेंटरी लाइफस्टाइल को दूर करने के साथ पौष्टिक चीजों के साथ खान-पान पर ध्यान दिया जाए तो इंफर्टिलिटी की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास करना भी इसमें आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है।
पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर इंफर्टिलिटी यानी कि बांझपन की समस्या काफी तेजी से बढ़ती हुई रिपोर्ट की जा रही है। यह समस्या महिला-पुरुष किसी में भी हो सकती है, आम तौर पर एक तिहाई मामले पुरुषों में समस्या के कारण होते हैं। इस समस्या के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ गड़बड़ लाइफस्टाइल को प्रमुख कारण के तौर पर देखते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं यदि सेंडेंटरी लाइफस्टाइल को दूर करने के साथ पौष्टिक चीजों के साथ खान-पान पर ध्यान दिया जाए तो इंफर्टिलिटी की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास करना भी इसमें आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है।
पश्चिमोत्तानासन योग
पश्चिमोत्तानासन योग के नियमित अभ्यास की आदत आपकी सेहत को कई प्रकार से लाभान्वित कर सकती है। यह आसन आपकी पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों और हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग में सहायक है। यह महिलाओं में प्रजनन क्षमता में सुधार करने के साथ मानसिक तनाव को कम करते हुए अंडाशय और पेट के महत्वपूर्ण अंगों को सक्रिय रखने में मदद करता है। पश्चिमोत्तानासन योग के नियमित अभ्यास की आदत बनाने से लाभ मिल सकता है।
सूर्यनमस्कार के अभ्यास से मिलता है लाभ
इंफर्टिलिटी में जिन योगासनों को सबसे कारगर माना जाता है, सूर्यनमस्कार उनमें से एक है। सूर्यनमस्कार के अभ्यास की आदत मासिक धर्म को ठीक रखने और गर्भाशय की समस्याओं को दूर करने में लाभकारी हो सकता है। सूर्यनमस्कार कई तरह के योगासनों का संयोजन है जो शरीर और मन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इंफर्टिलिटी की बढ़ती समस्याओं के लिए गड़बड़ मानसिक स्वास्थ्य को भी एक कारक के तौर पर देखा जाता है, सूर्यनमस्कार के अभ्यास से इसमें लाभ पाया जा सकता है।