September 18, 2025

नालंदा विश्वविद्यालय का प्रयास दुनिया के लिए अभूतपूर्व : विदेश राज्य मंत्री

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राम विलास संवाददाता


राजगीर। नालंदा विश्वविद्यालय की कीर्ति फिर से वैश्विक आकार लेने लगा है. आसियान-भारत संबंध के 30 वर्ष पूरे होने पर जकार्ता में आयोजित आसियान-इंडिया नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटी (एआईएनयू) के उद्घाटन समारोह में नालंदा विश्वविद्यालय छाया रहा. उद्घाटन समारोह में विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने नालंदा विश्वविद्यालय के प्रयासों को दुनिया के लिए अभूतपूर्व बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छानुरूप आसियान देशों और भारत के शिक्षण संस्थानों के बीच शैक्षणिक साझेदारी को क्रियान्वित और मजबूत करने में नालंदा विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण है.

इस अवसर पर नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने कहा कि एआईएनयू के नोडल संस्थान के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय एशियाई देशों के संबंध व पारस्परिक सहयोग के कार्यान्वयन हेतु सक्रिय भूमिका निभा रहा है. वैश्विक शिक्षण संस्थान के रूप में नालंदा 800 वर्षों तक प्राचीन एशियाई ज्ञान-परंपरा का प्रतिनिधित्व किया है. 21 वीं सदी में भी नालंदा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और भारत के बीच सदियों पुरानी सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को राजनयिक माध्यम से सुदृढ़ करने में जूटा है.

उन्होंने कहा कि पहले की तरह एशियाई देशों के साथ भारत के संबंध और मजबूत होंगे. विश्व शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने की दिशा में आपसी प्रतिबद्धता भी विकसित होगी. नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण को ऐतिहासिक घटना बताते हुए कुलपति ने कहा कि करीब एक सहस्राब्दी के बाद नालंदा का पुनरुद्धार हुआ है. नए अवतार में नालंदा विश्वविद्यालय फिर से वैश्विक मानचित्र पर स्थापित हो रहा है. नालंदा का उद्देश्य ज्ञान के माध्यम से वैश्विक शांति और सहयोग को बढ़ावा देना है.

आसियान महासचिव लिम जॉक होई ने भारत द्वारा आसियान देशों के प्रति निरंतर सहयोग और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आसियान-भारत नेटवर्क के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार पर पारस्परिक सहयोग हेतु एक साझा मंच तैयार हो रहा है. नालंदा विश्वविद्यालय द्वारा दक्षिण पूर्व देशों के अध्ययनरत छात्रों के लिए मास्टर्स और पीएचडी कार्यक्रमों में छात्रवृत्ति बढ़ाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भारत के प्रति उन्होंने आभार व्यक्त किया.

एआईएनयू के नोडल संस्थान के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय है. यह आसियान देशों के विश्वविद्यालयों और भारत के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थानों को जोड़ने व पारस्परिक सहयोग के अवसर प्रदान करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है. एआईएनयू के माध्यम से एक साझा संसाधन-केंद्र निर्माण सहित अनेकों पहल किए जा रहे हैं. इससे भारत और आसियान देशों के बीच पारस्परिक सांस्कृतिक संबंध, कौशल-क्षमता तथा अद्यतन तकनीक को आदान-प्रदान के अवसर उपलब्ध होंगे. इससे आसियान देशों की नई पीढ़ी को भारत के प्राचीन सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक मूल्यों को समझने व आत्मसात करने की क्षमता भी विकसित होगी।

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